मंगलवार, 21 जुलाई 2020

अम्ल वर्षा (Acid Rain)

अम्ल वर्षा (Acid Rain)

अम्ल वर्षा से तात्पर्य :-

 पानी के साथ वायुमंडल में घुली रासायनिक अशुद्धियों का मिलकर   पृथ्वी पर गिरना है! अम्ल वर्षा के कारण क्षेत्र के पर्यावरण पर   विविध प्रकारो से नकारात्मक प्रभाव पड़ते है !

अम्ल वर्षा का मूल कारण :

सल्फर-डाई-ऑक्साइड, नाइट्रिक ऑक्साइड एवं नाइट्रस ऑक्साइड जैसी गैसे है !
इन गैसों के उत्सर्जन का मुख्य स्रोत जीवाश्म ईंधन का प्रयोग तथा औद्योगिक प्रक्रियाओं से निकलने वाले धुँए का वायुमंडल में शामिल होना है !

👉 लगातार बढ़ते जीवाश्म ईंधनों के प्रयोग एवं बढ़ते औद्योगीकरण से इनसे शामिल हानिकारक पदार्थ गैसों के रूप में वायुमंडल में प्रवेश होकर इसे प्रदूषित करते हैं एवं वर्षा जल के साथ मिलकर भी बरसते हैं ! बढ़ते जनसंख्या दबाव एवं वर्तमान जीवन शैली में जीवाश्म ईंधनों में जैसे - पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैसे, कोयला,  जलावन लकड़ी आदि के बढ़ते उपयोग से इनमें निश्चित गैसों की मात्रा लगातार वायुमंडल में बढ़ती जा रही है!
सल्फर एवं नाइट्रोजन के ऑक्साइड (Sox एवं Nox) इनमे प्रमुख है! इन्ही के लगातार वायुमंडल में एकत्रित होने एवं बादलों तथा वर्षा जल के साथ मिलकर बरसने को अम्ल वर्षा कहते हैं !

Sox →सल्फ्यूरिक अम्ल (H2So4)
Nox →नाइट्रिक अम्ल (Hno3)
(H2So4) (Hno3) → अम्लीय वर्षण 

👉 सल्फर एवं नाइट्रोजन के ऑक्साइड क्रमश: सल्फ्यूरिक अम्ल एवं नाइट्रिक अम्ल बनाते हैं एवं इन्ही अम्लो का वर्षा जल में मिश्रण हो जाता है एवं यह अम्ल वर्षा के रूप में पृथ्वी की सतह पर पहुंचते हैं अम्लीय वर्षा का पीएच (pH) 5.6 या इससे कम होता है!

अम्लीय वर्षा के स्रोत :-

👉 सल्फर के ऑक्साइड अधिकतम मात्रा में तापीय ऊर्जा संयंत्रों, ऑयल सेंड प्लांट्स, प्राकृतिक गैस प्रक्रम आदि से शामिल होते हैं !नाइट्रोजन के ऑक्साइड अधिकतम मात्रा में वाहनों के धुएं एवं मू
मुलत: पेट्रोलियम शोधन, उवर्रक, सीमेंट, रसायन, कागज व लुगदी उद्योग आदि से शामिल होते हैं!

👉 भूमंडलीय तापन भी अम्लीय वर्षा की संभावनाओ को बढ़ाता है ताप बढ़ने के साथ-साथ कई अम्ल निर्माण प्रक्रिया उत्प्रेरित होती हैं जिससे अम्लीय वर्षा को बढ़ावा मिलता है !


अम्लीय वर्षा के प्रभाव :-

1. इसके कारण मिट्टी की उवर्रता पर कुप्रभाव पड़ता है !

2. इसके कारण प्राकृतिक वनस्पति की वर्द्धि भी बाधित होती है, जिसके परिणामस्वरूप वन वर्द्धि पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है!

3. अम्लीय वर्षा के फलस्वरुप झीलो तथा नदियों के जल की अम्लता/ लवणता में वर्द्धि के फलस्वरुप इन पारिस्थितिकीं  तंत्रो पर निर्भर जीवन प्रभावित होता है !

4. इसके कारण मनुष्य के स्वास्थ्य पर भी कुप्रभाव पड़ता है एवं फेफड़ों तथा स्वसन संबंधी रोग होते हैं !

5. अम्लीय वर्षा इमारतों को भी जर्जर करती हैं !
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